Principal Message

प्राचार्य की कलम से:-

नव सत्र में आपका स्वागत है| ,


जैसा की अनेक शिक्षाविदों का कथन है कि "अनुशासन देश को महान बनाता है | " अनुशासन के लिए एक आदर्श विद्यालय का होना आवश्यक है | आदर्श विद्यालय में बालकों के संवेगो को नियंत्रित करके संवेगो की दिशा और देश के विकास में ही नहीं अपितु समाज को भी एक दिशा प्रदान की जाती है।तभी किसी विद्वान ने कहा है कि - एक अच्छे विद्यालय का खुलना सौ जेलो के बंद होने के समान है | सरस्वती शिक्षण संस्थान के सीनियर सेकण्डरी स्कूल व कॉलेज इसी दिशा में एक ठोस एवं आधारभूत कदम है

मनोवैज्ञानिक को मानना है कि बालक के व्यक्तित्व पर वंशानुक्रम व वातावरण का संपूर्ण प्रभाव स्वभाविक तौर पर बालकों के व्यक्तित्व पर पड़ता है |

आवासीय विद्यालय में बालक दिन-रात रहते है | विद्यालय के वातावरण का संपूर्ण प्रभाव स्वाभाविक तौर पर बालकों के व्यक्तित्व पर पड़ता है।आज का युग प्रतिस्पर्धा एवं प्रतियोगिता का युग है और ऐसे समय में जब शिक्षा समय कि जरुरत बन गई है तो शिक्षार्थियों के साथ साथ शिक्षालयों की जिम्मेदारी भी बढ़ गई है अतः आवश्यकता इस बात की है कि विद्यालय में अच्छा शैक्षिक व पारिवारिक वातावरण रखा जाए ताकि विद्यार्थियों का स्वाभाविक एवं समग्र विकास हो सके और इसके लिए आपकी अपनी यह संस्था सदैव तत्पर एवं कटिबध्द रहेगी |

जय हिन्द !

प्राचार्य